11 जून 1895 को दुनिया की पहली प्रोफेशनल कार रेस हुई थी। इस रेस में पहले नंबर पर एमिले लेवासर पहुंचे थे, जिन्होंने 48.47 घंटे में 1178 किलोमीटर की दूरी तय की थी, लेकिन उन्हें विजेता नहीं माना गया था। दरअसल, यह रेस चार सीटर कार की थी, लेकिन लेवासर दो सीटर कार में सवार थे। आधिकारिक तौर पर रेस का विजेता पॉल कोचलिन को घोषित किया गया था, जो रेस में तीसरे स्थान पर आए थे।
इस मोटर रेस का आयोजन न्यूयॉर्क टाइम्स नामक साप्ताहिक पत्रिका ने किया था और इसे "पैरिस-रूआन ग्रां प्रिक्स" के रूप में जाना जाता है। इस रेस में विभिन्न देशों से आए हुए उत्पादकों ने अपनी नवीनतम मोटर वाहनों को प्रदर्शित किया।
इस प्रतियोगिता में गाड़ियों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि लंबी दूरी, ढलानों, और बदलते मौसम की चुनौतियां। रेस का मुख्य उद्देश्य था गाड़ियों की दक्षता, दुर्दम्यता, और गति का मापन करना।
इस प्रतियोगिता में विजेता गाड़ी उस समय के लिए एक आश्चर्यजनक गति से चली थी। विजेता गाड़ी, जिसे कोम्प्टोन और थियोट नामक फ्रांसीसी टीम ने बनाया था, रूआन तक 6 घंटे 48 मिनट में पहुंची।
यह मोटर रेस न केवल एक नई प्रतियोगिता की शुरुआत थी, बल्कि इसने मोटर रेसिंग के लिए एक नया मानचित्र भी खोला। इसके बाद से, मोटर रेसिंग एक लोकप्रिय और रोमांचक खेल बन गया है, जिसमें लाखों लोग दर्शक और प्रतिभागी शामिल होते हैं।
यह पहली मोटर रेस एक महत्वपूर्ण घटना थी, जो मोटर वाहनों की तकनीकी विकास और उनकी दक्षता को प्रदर्शित करती है। इस रेस ने एक नया युग शुरू किया, जिसमें मोटर रेसिंग एक अद्वितीय और रोमांचक खेल बन गई।