जानिए रेलवे स्टेशनों के नाम के पीछे क्यों लिखा जाता है जंक्शन, टर्मिनल और सेंट्रल

 
अक्सर ट्रेन में सफर के दौरान रास्ते में कई सारे छोटे बड़े स्टेशन आते हैं, जैसे आनंद विहार टर्मिनल, दिल्ली जंक्शन, कानपुर सेंट्रल आदी। क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि आखिर स्टेशन के नाम के पीछे जंक्शन, टर्मिनल और सेंट्रल क्यों लिखा जाता है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे ऐसा क्यों होता है? रेलवे स्टेशन के नाम के पीछे लिखे गए जंक्शन, टर्मिनल और सेंट्रल एक तरह की स्टेशन की कैटेगरी होती है। आइए इसे विस्तार से जानते हैं -

जंक्शन

जंक्शन, स्टेशन की वह कैटेगरी होती है, जहां पर दो या दो से अधिक ट्रेनों के लिए रूट निकलते हैं। इस तरह के स्टेशनों पर ट्रेन एक साथ दो रूटों से आ भी सकती है औ जा भी सकती है। दिल्ली जंक्शन की बात करें तो यहां पर दिल्ली से शाहदरा, सदर बाजार, सब्जी मंडी और दिल्ली किशनगंज रेलवे स्टेशन के लिए रूट निकलते हैं। जंक्शन स्टेशनों के रूट आगे जाकर दूसरे शहरों में मिलते हैं। 

टर्मिनल

अक्सर आपने कई सारे स्टेशनों के नाम के पीछे टर्मिनल लिखा हुआ देखा होगा। आपको बता दें कि जिन स्टेशनों के आगे कोई रेलवे लाइन नहीं होती, उसे टर्मिनल कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन के आगे कोई रेलवे लाइन नहीं है इसलिए इस स्टेशन के नाम के पीछ टर्मिनल लिखा है। इन स्टेशनों पर ट्रेन आने के बाद आगे नहीं जा सकती हैं, क्योंकि आगे जाने का रास्ता नहीं होता। 

सेंट्रल

सेंट्रल उन स्टेशनों के नाम के पीछे लिखा होता है, जो शहर की गतिविधियों के केंद्र होते हैं। ये स्टेशन शहर के सबसे पुराने स्टेशन होते हैं और सबसे महत्वपूर्ण भी। सेंट्रल स्टेशन पर बाकी स्टेशनों के मुकाबले ज्यादा सेवाएं मिलती हैं। ये काफी बड़े क्षेत्र में फैले होते हैं। यहां पर देश के कई बड़े शहरों से ट्रेनें आती और जाती हैं। सेंट्रल स्टेशनों के जरिए बड़े-बड़े शहरों को एक दूसरे से जोड़ा जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत का रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। रोजाना यहां करोंड़ों की संख्या में लोग ट्रेनों के जरिए सफर करते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में रेलवे का अहम योगदान है। माल ढुलाई से लेकर कई छोटे बड़े व्यापारियों के समानों को ये एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाने का काम करती है। इतने बड़े रेल नेटवर्क होने की वजह से आज के समय पूरे भारत भर में करीबन 7,349 रेलवे स्टेशन मोजूद हैं।






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