भारत देवी-देवताओं की धरती है। यहां पर कई प्राचीन और चमात्कारिक मंदिर हैं। देश में अलग-अलग देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिलते हैं। यह मंदिर अपनी संस्कृति और मान्यताओं के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा भारत में कई हजारों साल पुराने बेहद रहस्यमयी मंदिर भी हैं जिनके रहस्य से विज्ञान भी पर्दा नहीं उठा पाया है। आईए जानते हैं एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में जो अपने रहस्यों की वजह से प्रसिद्ध है।
यह रहस्यमयी मंदिर बिहार के सीतामढ़ी में स्थित है। इस ऐतिहासिक मंदिर को रानी मंदिर(स्वर्ण मंदिर) के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर से कई किस्से और कहानियां जुड़ी हुई हैं जिनके बारे में जानने की इच्छा हर किसी की होती है। आखिर इस मंदिर के रहस्यों के पीछे का क्या राज है। इस मंदिर की बनावट भी बेहद खूबसूरत है। इसके खंभों पर शानदार नक्काशी की गई है जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं।
बताया जाता है कि इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण करने वाले कारीगरों के हाथ को कटवा दिया गया था, लेकिन इसके कोई सबूत नहीं हैं। इस मंदिर के कई रहस्य हैं जिनमें ईंट के अंदर मौजूद गुफा भी शामिल है। रात के अंधेरे में रोशनी दिखाई देती है और पायल की झंकार की आवाज आजती है। बताया जाता है कि यह आवाज 2 किलोमीटर तक सुनाई देती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह पायल की आवाज रानी राजवंशी कुंवर की है।
इस मंदिर का निर्माण लगभग डेढ़ एकड़ जमीन में किया गया है और इसकी बनावट आगरा के ताजमहल से मिलती जुलती है। कहा जाता है कि रानी राजवंशी कुंवर ने मंदिर को बनाने वाले चार कारीगरों के हाथ को कटवा दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि इस मंदिर की तरह कोई और मंदिर ना बन सके। मजदूरों के परिवारों की देखभाल पूरी उम्र रानी ने की।
मंदिर के पीछे दीवार पर इसका निर्माण करने वाले मजदूरों की प्रतिमाएं बनाई गई हैं जो इस बात के सबूत हैं। इस मंदिर के सोने के मुकुट और सोने के आभूषण चोरी हो गए हैं। यह भी कहा जाता इनको दंबगों ने उस पर कब्जा कर लिया है।
बताया जाता है कि मंदिर के तहखाने में अकूत खाजाना है, लेकिन इसके भीतर जाकर वापस आना मुश्किल है। इसमें जहीरले सांप रहते हैं जो लोगों को शिकार बना लेते हैं। नेपाल से छपने वाली एक पुस्तक में यह दावा किया गया है। इस मंदिर से जुड़े रहस्यों से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है।